करौली का इतिहास ( यादव वंश ) – History Of Karauli

करौली में यादवों की ‘जादौन’ शाखा थी।
विजयपाल
1040 ई. में बयाना को जीतकर इसे अपनी राजधानी बनाता हैं। और यादवों की जादौन शाखा का शासन प्रारम्भ करता हैं।
अर्जुनपाल
कल्याणपुर नामक नगर की स्थापना करता हैं।
धर्मपाल
कल्याणपुर का नाम करौली रखकर उसे अपनी राजधानी बनाता हैं।
गोपालपाल
करौली में ‘मदन मोहन जी का मंदिर’ बनवाता हैं। यह गौड़ीय सम्प्रदाय की राजस्थान की दूसरी प्रमुख पीठ
हरबक्शपाल
इसने अंग्रेजों के साथ 1817ई. में संधि कर ली।
मदनपाल
1857 ई. में क्रांति में कोटा महाराव की मदद की थी। अग्रेजो ने 17 तोपो की सलामी दी।
स्वामी दयानन्द सरस्वती सबसे पहले (राजस्थान में) करौली मदनपाल जी के निमत्रंण पर आए थे।